०यक्ति विशेष:पुरुषोत्तम कौशिक
जन्म 24 सितंबर 1930: पूण्य तिथि 5 अक्टूबर 2017
मैं स्व० श्री पुरुषोत्तम कौशिक जी से 1977 की लोकसभा चुनाव के समय मिला था । चुनाव प्रचार के दौरान मेरे पास खबर आई. की प्रदेश के जाने माने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता व रायपुर षडयंत्र केस के आरोपी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का० सुधीर मुखर्जी जी ने याद किया है। दादा के लिए मेरे मन में बहुत. सम्मान. था । अतः कालेज के वाद साइकिल् किराये की ली और उनके बुढापारा स्थित निवास पर.पहुंचा। संयोग से मिल गये । मुक्षे देखते ही किनारे. ले गये और फुसफुसाते हुए बोले कि कोटा में कुछ प्रभावशाली लोग अपनी ताकत के बल पर जनता पार्टी का कार्यक्रम तक होने नही दे रहे हैं। तुम जनता पार्टी प्रत्याशी श्री पुरुषोत्तम कौशिक .जी की सभा करा दे और हो सके तो दादागीरी करने वालों को उन्हीं की भाषा में समक्षा दो।
मेरे लिए एकदम. नया अनुभव था I उन दिनों मैं शासकीय अभियांत्रिक . एंव प्राद्यौगिक महाविद्यालय रायपुर का छात्र था तथा अखिल भारतीय छात्र. फेडरेशन के राष्ट्रीय परिषद. का सदस्य था। मैं अपने विश्वस्त साथियों से चर्चा किया व श्री कौशिक तथा का० मुखर्जी जी का कोटा में चुनावी सभा का आयोजन सुनिश्चित करने जनता पार्टी के चुनावी प्रमुख कार्यालय में गया । दादा को अपनी तैयारी की सुचना देकर कौशिक जी. का कार्यक्रम तय करने का आग्ह किया । दादा मेरा हाथ पकडकर लगभग खीचते हुए एक कमरे में ले गये 1 वहाँ. मैंने पहली वाद कौशिक जी को निकट से देखा । वहाँ का माहौल ऐसा था मानों सभी नेतगण. गंभीर चिंतन व योजना बनाने में व्यस्थ थे। दादा ने जैसे ही कौशिक जी. से मेरा परिचय कराया वैसे ही उन्होंने स्नेह से बड़ी गर्मजोशी से गले लगा लिया। चर्चा. में पता चला कि उनका व दादा का पहले से तय कार्यक्रम के कारण समय. नहीं दे पायेगें। तब दादा ने कौशिक जी के कान में कुछ फुसफुसाया । तत्काल प्रतिक्रिया हुआ और कौशिक जी ने रविशंकर विश्वविद्यालय. के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डा प्रकाश. शुक्ला जी को जिम्मेदारी .सौंपी कि वे अपने छात्र नेताओं की. समुह के साथ कोटा की सभा में भाग ले। कार्यक्रम सफल रहा और श्री कौशिक जी भारी मतों से कांग्रेस प्रत्यासी स्व० श्री विद्याचरण शुक्ल जी को पराजित कर केन्द्रीय मंत्री.बने। लेकिन स्व० श्रीमती इन्दिरा गाँधी.जी गिरफ्तारी ने मेरी आत्मा को क्षकक्षोर दिया और मेरा लगाव उनसे कुछ इतना उत्पन्न हुआ कि अन्तः कांग्रेस के आन्दोलनों में न केवल भाग लेने लगा वाल्कि 1978 में मैने कांग्रेस की विधीवत सदस्यता ले लिया । मेरा संयोग कुछ ऐसा बना कि फिर स्व० श्री पुरूषोत्तम कौशिक जी से फिर मिल नही सका।
सोम शालीन सुचिता की राजनीति करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तम कौशिक जी का जन्म 24 सितंबर 1930 को महासमुंद रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित कृषक परिवार में हुआ था ।पेशे से वकील कौशिक जी सोशलिस्ट पार्टी से विधायक, मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता विधायकदल ,सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे प्रधानमंत्री मोरारजी सरकार में विमानन मंत्री एवं चौधरी चरण सिंह की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री ।जब पुरुषोत्तम कौशिक विमानन मंत्री हुआ करते थे उस समय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी उनके पायलट ऑफिसर थे और पायलट ऑफिसर के रूप में उनका विमान लेकर रायपुर आते थे ।तत्कालीन रायपुर कलेक्टर अजीत जोगी को कौशिक जी ने निर्देश दिया था कि राजीव गांधी की रायपुर आने पर व्यवस्था आप करेंगे ।कौशिक जी अपने पायलट ऑफिसर राजीव गांधी को बहुत चाहते थे। अजीत जोगी की राजीव गांधी से नजदीकी उसी समय से हुई और उसके सूत्रधार स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तम कौशिक थे ।जोगी ने उसका इतना फायदा उठाया कि वे मात्र एक विधायक के वल. पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तक बन गये ।प्रधानमंत्री के रूप में भी राजीव गांधी रायपुर में कौशिक जी के चौबे कॉलोनी स्थित निवास पर भेंट करने आए बा कांग्रेस में होने का आग्रह किया। परन्तु सिद्धांत वादी पर जिवन प्रर्यन्त अडिग करने वाले कौशिक जी ने विनम्रता पूर्वक उनके आग्रह को अस्वीकार कर दिया वरना छत्तीसगढ़ की प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के स्थान पर स्व०. श्रीपुरुषोत्तम कौशिक जी ही होते।
छात्र राजनीति और समाजवादी पार्टीसे राजनीतिक जीवन प्रारंभ करने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया तथा किशन पटनायक के नजदीकी भी । उनकी छवि भरोसे मंद तथा छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र की थी । स्व०श्री पुरुषोत्तम कौशिक सुदर्शन व्यक्तित्व के धनी 6:30 फीट लंबे बहुत ही सरल स्वभाव के दृड़ निश्चयी किसान नेता की थी। सोशलिस्ट पार्टी के नेता के रूप में उन्होंने संयुक्त मध्य प्रदेश का. सघन दौरा. किया.था I यहाँ तक कि वे .बुंदेलखंड के निवाड़ी ,पृथ्वीपुर ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर ,सागर की कई बार दौरे किए। छत्तीसगढ़ की राजनीति मैं उनका अपना अलग मुकाम था। महासमुंद से राइस नेमीचंद जैन श्री माल दुर्ग से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री चंदूलाल चंद्राकर और रायपुर लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री श्री विद्या चरण शुक्ल को चुनाव में शिकस्त दी थी Iउनका नाम छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के उन गिने-चुने नेताओं में शुमार है जिनका राजनीति में आधी सदी तक असर रहा। बहुमुखी प्रतिभा असाधारण सूझ बूझ धैर्य निश्चय और निर्णय क्षमता का इजहार करते हुए अपने समर्थक और आलोचकों को एक साथ चमत्कृत कर दिया करते थे ।ऐसा लगता है वे किसी ऐसे युग के प्रतिनिधि थे जो युग उनके साथ ही अस्त हो गया ।कोशिक जी की इतनी कड़वी मीठी यादें हैं जिन्हें लिखना कठिन है राजनीतिक सामाजिक खूबियों के हजारों जीवित गवाह आज भी उनको नम आंखों से याद करते हैं ।उनके व्यक्तित्व का आकलन अब भी शोध, जिज्ञासा और प्रशंसा का विषय है
महामानव सोशलिस्ट आंदोलन के आधार स्तंभ स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तम कौशिक को शत शत नमन 1
कृष्ण देव सिंह
समुह सम्पादक
बुधवार मल्टी मीडिया समुह
०यक्ति विशेष:पुरुषोत्तम कौशिक