एप्सो के सम्मेलन में यादआते रहे वो पुराने लोग और दिन
कृष्ण देव सिंह
रायपुर।6दिसम्बर2019.व्यक्ति के जीवन में कुछ ऐसे पल भी आते हैं जब वह अपनी पुराने बिते वक्त और यादो को ताजा कर लेता है।हलांकि स्मृतियॉ हमेशा अच्छी व सुनहरी नहीं होती है फिर मानव अपने स्वभाव से विवश होता है।।कुछ ऐसा ही वाकया मेरे साथ भी हुआ जब में पहली दिसम्बर 2019 को अखिल भारतीय शांति एंव एकजुटता संगठन की छत्तीसगढ़ की राज्य इकाई के पंचम राज्य सम्मेलन में भाग लेने प्रो ३न्द्रदेव सभागार में पहुचॉ ! सम्मेलन का आयोजन रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ चेम्बर आंफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के सभागार में किया गया था।और मेरी समक्ष व जानकारी के अनुरूप ही आयोजन के केन्द्रीय.भूमिका दैनिक देशबन्धु के प्रमुख ललित सुरजन जी निभा रहे थे| हलांकि उन्हें मैं कब से ललित भैया कहने लगा हूँ,स्मरण नहीं है लेकिन इतना तो कह ही सकता हूँ कि उनसे मेरा सम्पर्क अपने प्रराम्भिक रायपुर आभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र जीवन मे ही हुआ था तथा संभवत: वह वर्ष 1974-75का कालखण्ड होगा ,क्योंकि मैं इस अवधि में रायपुर के अखिल भारतीय छात्र फेडरेशन की इकाई का अध्यक्ष बन चुका था और यह संगठन अपनी सक्रियता से रविशंकर विश्वविद्यालय मे वामपंथी छात्र सगठन के रूप में अलग पहचान बनाने लगा था ।मेरे इस कार्य में ललित भैया और दैनिक देशबन्धु का मार्गदर्शन व विशेष संरक्षण था ।यह वह दौर था जब रायपुर से मात्र दैनिक नवभारत,दैनिक देशबन्धु,दैनिक युगधर्म,दैनिक महाकौशल और दैनिक Mp Chronicleका नियमित प्रकाशन हो रहा था तथा समाचार पत्रों के पन्ने छात्रों और छात्रनेताओं की खबरों से भरा रहता था।
रवैर! सम्मेलन स्थल पर जाकर नांमांकन कराया। फिर एक विस्तृत जानकारियों वाला सम्मेलन से सम्बन्धित फाइल प्राप्त किया| सम्मेलन में शांति एंव एकगुटता संगठन की प्रगति प्रतिवेदन पर नजर पड़ते ही मैं गम्भीरतापूर्वक उसका अध्ययन किया! श्रद्धांजलि के लिए नामांकित दिवंगत सर्व/श्री प्रभाकर चौबे,तेजिदंर गगन,निंरजन महावार,एम पी चोरपगार नाम साम्मिलित था।सभा गृह का नाम रविशंकर विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो० इन्द्रदेव के नाम पर रखा गया था | ये सभी वो अत्यन्त महत्वपूर्ण और प्रेरणा देने वाले व्यक्तित्व थे जिनसे मेरे छात्र जीवन में हीअन्तरंग वैचारिक व व्याक्तिगत सम्बन्ध बन गये थे ।उनके व्यक्तित्व से मैं प्रभावित रहा हूँ और इन सभी का मुक्षे नैतिक समर्थन प्राप्त रहा है। मुक्षे कहने में तनिक संकोच नही है कि. शायद इन सभी प्रबुध्यजनों के सम्पर्क के कारण ही मैं रविशंकर विश्वविद्यालय का वैचारिक धरातल पर अकेला अलग खड़ा रहने वाला स्थापित छात्र नेता बना तथा उसबक्त के छात्र नेताओं के समुह में शामिल/ गिनती में मेरा नाम नहीं लिया/लिखा गया।मेरी गणना दिवंगत डा प्रकाश शुक्ला के व्यक्तित्व के साथ की जाती रही है।परन्तु सम्मेलन से जुड़ी यादों और लोगों को याद कर मेरा मन गमगीन हो गया | सम्मेलन में और कई पुराने संगी साथी से सुखद भेटं हो गई क्योंकि मैं प्रगततिशील आन्दोलन का सक्रिय हिस्सेदार रहा हूँ।सम्मेलन में ही दिवंगत श्री प्रभाकर चौवे जी के सुपुत्र जीवेश चौवे से चर्चा मे पता चला की रायपुर इप्टा का गठन1974के पर्व मे ही गठित हो गया था जिनकी विभिन्न कारणों से गतिविधिया समाप्त हो गई लेकिन छात्र फेडरेशनमन के अध्यक्ष बनने के वाद मैंने ईप्टा के पुर्नगठन कर रगमंदिर मे नाटक कराया था । चूकि मैंने अपने साभियों पर भरौसा कर उसका स्कृप्ट नही पढ़ा था,इसकारण मेरी आलोचना भी हुई ।रवैर !मन ही मन मैंने विशेष रूप से ललित (सुरजन) भैया को घन्यवाद दिया और अपनी नैतिक, सामाजिक,सांस्कृतिक व राजनैतिक दायित्वों को जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से निभाने के लिये अपने आपकों सज्य करने में लग गया हूँ|सम्मेलन ने ही पुराने छात्र जिवन की याद दिला दी परन्तु मेरे लिए सर्वाघिक प्रेरणा अपने चयनित लक्ष्य को पुनः प्राप्ति का मार्गदर्शन भी करा दिया । संभवतः अब मुक्षे भविष्य की दिशा और दशा भी तय में आसानी होगी?
*बुधवार मल्टीमीडिया न्यूज नेटवर्क
रायपुर / भोपाल / पटना दिनांक 6दिसम्बर2019.
एप्सो के सम्मेलन में यादआते रहे वो पुराने लोग और दिन