मंडल से बेहतर प्रशासनऔर कार्य संस्कृति की अपेक्षा
कृष्ण देव सिंह
रायपुर ,3दिसम्बर2019.छत्तीसगढ़ के नये मुख्य सचिव आर पी मंडल के पदभार ग्रहण करने के साथ ही घुआंघार दौरे और बैठकों का दौर शुरु हो गया है।श्री मंडल काफी पुराने और अनुभवी अधिकारी है।उनके सामने कई प्रशासनिक और कार्यसंस्कृति में सकाराव्मक बदलावों की चुनैतियाँ है। हलांकिं उनका लम्बा प्रशासनिक अनुभव है और उन्हें प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विश्वस्त सहयोगी होने का अनुभव भी है। वे पूर्व मुख्य सचिव विवेक दाड़ के भी भरोसेमंद अधिकारी रह चुके हैं।
प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया आर पी मंडल ने पद ग्रहण के बाद जिला और संभागीय मुख्यालयों की ओर रूख किया है।लापरवाह अधिकारियों को फटकार भी पड़ रही है।हलांकि सरकारी कामकाज में यह परिपाटी पहले से ही जारी है।उनके जाते ही निचले अधिकारी /कर्मचारी कुछ दिन तक सक़ीयता दिखाते हैं और फिर पुराने ढ़र्रे पर लौट जाते हैं।
1987बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के श्री मंडल को तगमा हासिल है कि वे जिन जिलों में रहे है,वहां याद किये जाते हैं। बतौर प्रशासानिक मुखिया मंडल के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलना अभी शेष है ।हलांकि अपने तौर - तरीके से तात्कालिक लाभ तो पिछले सभी मुख्य सचिव भी दिलाते रहे हैं परन्तु श्री मंडल से कुछ ज्यादा ही उम्मिद की जा रही है।
वैसे परम्परागत व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए श्री मंडल को निश्चय ही किसी छडी का इस्तेमाल करना होगा ।वह छड़ी है सरकारी विभागों में कार्य संस्कृति में व्यापक वदलाव ।आम जनता जानना चाहती है कि क्या वजह है कि सरकारी महकमों से कम अधिकारी/ कर्मचारी,कम-संसाघन ,कम वेतन होने के बावजूद कारपोरेट का काम काज बेहतर तरीके से चलता है।उम्मीद है कि सरकारी महकमों की कार्य संस्कृति में एकाएक बदलाव भले न आए पर आम जनता को बेहतर नतीजे मिलने लगे?
*बुघवार मल्टीमीडिया न्यूज नेटवर्क
भोपाल/ पटना / रायपुर ।दिनांक 3दिसम्बर 2019
मंडल से बेहतर प्रशासनऔर कार्य संस्कृति की अपेक्षा