जय भवानी ,जय शिवाजी का जयघोष करने का दिन
बुघवार*स्ट्राइकर
आज प्रजापालक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (19 फरवरी) के शुभ अवसर पर कोटि कोटि नमन करते है.और आप सबको बधाई तभा जय भवानी ,जय शिवाजी का मुक्त कंठ से जयघोष करते हैं।
पेशवाई ने इनकी याद को मिटा डालने का षडयंत्र किया था, तब शिवाजी की स्मृतियों की खोज की गई और शिवाजी जयंती मनाई. शिवाजी के राजतिलक को लेकर तमाम प्रचलित अपमानजनक वार्तों को आज याद रखकर सावघान रहने की याद दिलाने का भी आज दिन हैं.
शिवाजी को बदनाम करने के लिए उन्हें मुसलमान विरोधी बताने बालों के वंशजों की मंशा हमें सतर्क करती है। क्योंकिवीर शिवाजी सबके हित करने की वजह से प्रजापालक माने गए. उन्हें किसी धर्म का विरोधी बताना गंदी साजिश है।
दिल्ली से कोई भी अगर उनके राज को हड़पने आता, तो वह लड़ते. जो आया उसका नाम औरंगजेब होता तो भी और जयराम राठौर या सिकंदर होता तो भी. वे किसी से भी लड़ते. इस आधार पर उन्हें मुस्लिम विरोधी कहना बदमाशी है.
यह अच्छा है कि उत्तर भारत के किसान समुदायऔर विशेषकर कुर्मी जाति के लोगों ने शिवाजी जयंती मनाने की परंपरा शुरू कर दी है जो पूरे देश में फैलता जा रहा है।
शिवाजी के वंशज कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज ने भारतीय इतिहास में पहली बार नौकरियों में बहुजनों को आरक्षण देने की शुरुआत की।डा० भीम राव अम्बेडकर ने आरक्षण के उसी मॉडल को आगे बढ़ाया है।
*जय भवानी,जय शिवाजी।
जय शिवाजी,जय सरदार।।